├── README.md ├── Project_Report.docx ├── Lemmatizer.py ├── LICENSE ├── Analysis.py ├── LemmatizedSample.Txt └── HindiSampleText.Txt /README.md: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | # Hindi-Lemmatizer 2 | A tool for to identifies root form of Hindi words. 3 | -------------------------------------------------------------------------------- /Project_Report.docx: -------------------------------------------------------------------------------- https://raw.githubusercontent.com/aniket-2003-das/Hindi-Lemmatizer/HEAD/Project_Report.docx -------------------------------------------------------------------------------- /Lemmatizer.py: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | # import snowballstemmer # pip install snowballstemmer 2 | from snowballstemmer import stemmer 3 | 4 | # Instanting the Indicstemmer object for hindi Language. 5 | stemmer = stemmer('hindi') 6 | 7 | # collecting the preprocessing text strings 8 | with open('HindiSampleText.Txt', 'r', encoding='utf-8') as f: 9 | text = f.read() 10 | 11 | def Lemmatizer(): 12 | # Tokenize text into words. 13 | words = text.split() 14 | # stemming each word in text. 15 | stemmed_words = [stemmer.stemWord(word) for word in words] 16 | # joining the stemmed words back into a single string. 17 | stemmed_text = ' '.join(stemmed_words) 18 | # Generating the stemmed text. 19 | with open('LemmatizedSample.Txt', 'w', encoding='utf-8') as f: 20 | f.write(stemmed_text) 21 | 22 | Lemmatizer() 23 | -------------------------------------------------------------------------------- /LICENSE: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | MIT License 2 | 3 | Copyright (c) 2024 ANIKET DAS 4 | 5 | Permission is hereby granted, free of charge, to any person obtaining a copy 6 | of this software and associated documentation files (the "Software"), to deal 7 | in the Software without restriction, including without limitation the rights 8 | to use, copy, modify, merge, publish, distribute, sublicense, and/or sell 9 | copies of the Software, and to permit persons to whom the Software is 10 | furnished to do so, subject to the following conditions: 11 | 12 | The above copyright notice and this permission notice shall be included in all 13 | copies or substantial portions of the Software. 14 | 15 | THE SOFTWARE IS PROVIDED "AS IS", WITHOUT WARRANTY OF ANY KIND, EXPRESS OR 16 | IMPLIED, INCLUDING BUT NOT LIMITED TO THE WARRANTIES OF MERCHANTABILITY, 17 | FITNESS FOR A PARTICULAR PURPOSE AND NONINFRINGEMENT. IN NO EVENT SHALL THE 18 | AUTHORS OR COPYRIGHT HOLDERS BE LIABLE FOR ANY CLAIM, DAMAGES OR OTHER 19 | LIABILITY, WHETHER IN AN ACTION OF CONTRACT, TORT OR OTHERWISE, ARISING FROM, 20 | OUT OF OR IN CONNECTION WITH THE SOFTWARE OR THE USE OR OTHER DEALINGS IN THE 21 | SOFTWARE. 22 | -------------------------------------------------------------------------------- /Analysis.py: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | # import snowballstemmer # pip install snowballstemmer 2 | from snowballstemmer import stemmer 3 | from collections import defaultdict 4 | 5 | # Instanting the Indicstemmer object for hindi Language. 6 | stemmer = stemmer('hindi') 7 | 8 | def Analyser(): 9 | # Opening the original text file. 10 | with open('HindiSampleText.Txt', 'r', encoding='utf-8') as f: 11 | original_text = f.read().split() 12 | 13 | # opening the Lemmatized file. 14 | with open('LemmatizedSample.Txt', 'r', encoding='utf-8') as f: 15 | lemmatized_text = f.read().split() 16 | 17 | # creating a dictionary to store count of original and Lemmatized text. 18 | results = defaultdict(int) 19 | 20 | # comparing the orignal_text and lemmatized text. 21 | for i in range(len(original_text)): 22 | if original_text[i] == lemmatized_text[i]: 23 | results["correct"] +=1 24 | else: 25 | results["incorrect"] += 1 26 | 27 | # calculating the accuracy of the Lemmatizations. 28 | accuracy = results["correct"] / (results["correct"] + results['incorrect']) * 100 29 | 30 | # Getting the Analysis Report. 31 | print(f"total words in File-: {len(original_text)}") 32 | print(f"correct lemmatizations-: {results['correct']}") 33 | print(f"incorrect lemmatizations-: {results['incorrect']}") 34 | print(f"accuracy-: {accuracy:.2f}%") 35 | 36 | Analyser() 37 | -------------------------------------------------------------------------------- /LemmatizedSample.Txt: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | भारत क तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व म स एक है, 26 जनवरी। 26 जनवर क गणतंत्र दिवस क रूप म पूर देश म काफ जोश और सम्मान क साथ मन ज है। यह, वह दिन है जब भारत म गणतंत्र और संविधान लाग हु था। यह कारण है क इस दिन क हमार देश क आत्मगौरव तथ सम्मान स भ जोड़ ज है। इस दिन देश भर म क तरह क कार्यक्रम आयोजित किय ज और खासतौर स विद्यालय तथ सरकार कार्यलय म इस काफ धूम-धाम क साथ मन ज है तथ इसक उपलक्ष्य म भाषण, निबंध लेखन और क सांस्कृतिक कार्यक्रम क भ आयोजन किय ज है। यह बहुत ह आसान भाष म गणतंत्र दिवस पर हिंद म निबंध पाय हर साल 26 जनवर क भारत अप गणतंत्र दिवस मन है क्योंक इस दिन भारत क संविधान लाग हु था। इस हम सभ राष्ट्रीय पर्व क रुप म मन है और इस दिन क राष्ट्रीय अवकाश घोषित किय गय है। इसक अलाव गाँध जयंत और स्वतंत्र दिवस क भ राष्ट्रीय अवकाश घोषित किय गय है। भारतीय संसद म भारत क संविधान क लाग होत ह हमार देश पूर तरह स लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। इस महान दिन पर भारतीय सेन द्वार भव्य परेड किय ज है ज सामान्यत: विजय चौक स शुर होकर इंडिय गेट पर खत्म होत है। इस दौरान तीन भारतीय सेन (थल, जल, और नभ) द्वार राष्ट्रपत क सलाम द ज है, साथ ह सेन द्वार अत्याधुनिक हथियार और टैंक क प्रदर्शन भ किय ज है, ज हमार राष्ट्रीय शक्त क प्रतीक है। आर्म परेड क बाद देश क सभ राज्य द्वार झाँक क माध्यम स अप संस्कृत और परंपर क प्रस्तुत क ज है। इसक बाद, भारतीय वाय सेन द्वार हमार राष्ट्रीय झंड क रंग (केसरिया, सफेद, और हरा) क तरह आसमान स फूल क बारिश क ज है। आजाद क बाद एक ड्राफ्टिंग कमेट क 28 अगस्त 1947 क मीटिंग म भारत क स्थाय संविधान क प्रारुप तैयार कर क कह गया। 4 नवंबर 1947 क डॉ बी.आर.अंबेड क अध्यक्ष म भारतीय संविधान क प्रारुप क सदन म रख गया। 2 वर्ष 11 महीन और 18 दिन म संविधान बन तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार क घड़ 26 जनवर 1950 क इसक लाग होन क साथ ह खत्म हुई। साथ ह पूर्णं स्वराज क प्रतिज्ञ क भ सम्मान हुआ। इस दिन स्कूल-कॉलेज म भ विद्यार्थ परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियान म मदद क द्वारा, स्वतंत्र सेनान क किरदार निभ कर आदि, बहुत सार क्रिय द्वार इस उत्सव क मन है। इस दिन हर भारतीय क अप देश क शांतिपूर्णं और विकसित बन क लिय प्रतिज्ञ कर चाहिये। अंत म हर विद्यार्थ मिठ और नमकीन लेकर खुशी-खुश अप घर क रव ह ज है। भारत म हर साल 26 जनवर क गणतंत्र दिवस क रुप म भारत क लोग द्वार बेहद खुश और उत्साह क साथ मन ज है। संप्रभ लोकतांत्रिक गणराज्य होन क महत्व क सम्मान देन क लिय इसक मन ज है, ज 26 जनवर 1950 म भारत क संविधान क लाग होन क बाद स मन ज है। इस दिन क भारत सरकार द्वार पूर देश म राजपत्रित अवकाश क रुप म घोषित किय गय है। इस पूर भारत वर्ष म विद्यार्थ द्वार स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान म मन ज है। भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, न दिल्ल म एक कार्यक्रम आयोजित कर है जिसम इंडिय गेट पर खास परेड क आयोजन होत है। सुबह-सुबह ह इस महान कार्यक्रम क देख क लिय लोग राजपथ पर इकट्ठ होन लग है। इसम तीन सेनाएँ विजय चौक स अप परेड क शुर कर है जिसम तरह-तरह अस्त्र-शस्त्र क भ प्रदर्शन किय ज है। आर्म बैंड, एन.सी.स कैडेट्स और पुलिस बल भ विभिन्न धुन क माध्यम स अप कल क प्रदर्शन कर है। राज्य म भ इस उत्सव क राज्यपाल क मौजूदग म बेहद शानदार तरीक स मन ज है। भारत म गणतंत्र दिवस क दिन राष्ट्रीय अवकाश क रुप म मन ज है। इस महान दिन क उत्सव लोग अपने-अप तरीक स मन है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल म भाषण क द्वार य भारत क आजाद स संबंधित किस प्रतियोगित म भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वार न दिल्ल क राजपथ पर बहुत बड़ कार्यक्रम रख ज है, जह झंडारोहण और राष्ट्रगान क बाद भारत क राष्ट्रपत क समक्ष इंडिय गेट पर भारतीय सेन द्वार परेड किय ज है। भारत म आजाद क बाद “विविध म एकता” क अस्तित्व क दिख क लिय देश क विभिन्न राज्य भ खास झाँक क माध्यम स अप संस्कृति, परंपर और प्रगत क प्रदर्शित कर है। लोग द्वार अप तरफ क लोक नृत्य प्रस्तुत किय ज है साथ ह गायन, नृत्य और वाद्य यंत्र क बज ज है। कार्यक्रम क अंत म तीन रंग (केसरिया, सफेद, और हरा) क फूल क बारिश वाय सेन द्वार क ज है ज आकाश म राष्ट्रीय झंड क चिन्ह प्रदर्शित कर है। शांत क प्रदर्शित कर क लिय कुछ रंग-बिरंग गुब्बार क आकाश म छोड़ ज है। हमार मातृभूम भारत लंब समय तक ब्रिटिश शासन क गुलाम रह जिसक दौरान भारतीय लोग ब्रिटिश शासन द्वार बनाय गय कानून क मान क लिय मजबूर थे, भारतीय स्वतंत्र सेनान द्वार लंब संघर्ष क बाद अंतत: 15 अगस्त 1947 क भारत क आजाद मिली। लगभग ढ साल बाद भारत न अप संविधान लाग किय और खुद क लोकतांत्रिक गणराज्य क रुप म घोषित किया। लगभग 2 साल 11 महीन और 18 दिन क बाद 26 जनवर 1950 क हमार संसद द्वार भारतीय संविधान क पास किय गया। खुद क संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित कर क साथ ह भारत क लोग द्वार 26 जनवर क गणतंत्र दिवस क रुप म मन ज लगा। भारत म निवास कर रह लोग और विदेश म रह रह भारतीय क लिय गणतंत्र दिवस क उत्सव मन सम्मान क बात है। इस दिन क खास महत्त है और इसम लोग द्वार क सार क्रिया-कलाप म भाग लेकर और उस आयोजित करक पूर हर्षोल्लास क साथ मन ज है। इसक बार-बार हिस्स बन क लिय लोग इस दिन क बहुत उत्सुक स इंतजार कर है। गणतंत्र दिवस समारोह क तैयार एक महीन पहल स ह शुर ह ज है और इस दौरान सुरक्ष कारण स इंडिय गेट पर लोग क आवाजाह पर रोक लग द ज है जिसस किस तरह क अपराधिक घट क होन स पहल रोक ज सके। इसस उस दिन वह मौजूद लोग क सुरक्ष भ सुनिश्चित ह ज है। पूर भारत म इस दिन सभ राज्य क राजधान और राष्ट्रीय राजधान न दिल्ल म भ इस उत्सव पर खास प्रबंध किय ज है। कार्यक्रम क शुरुआत राष्ट्रपत द्वार झंडारोहण और राष्ट्रगान क साथ होत है। हर राज्य अपनी-अप विविध ल झांक प्रस्तुत कर है। इसक बाद तीन सेन द्वार परेड, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आद क्रियाएँ होत है। और अंत म पूर वातावरण “जन गण मन” स गूँज उठ है। इस पर्व क मन क लिय स्कूल और कॉलेज क विद्यार्थ बेहद उत्साहित रह है और इसक तैयार एक महीन पहल स ह शुर कर देत है। इस दिन विद्यार्थ क अकादम में, खेल य शिक्ष क दूसर क्षेत्र म बेहतर प्रदर्शन कर क लिय पुरस्कार, इनाम, तथ प्रमाण पत्र आद स सम्मानित किय ज है। पारिवारिक लोग इस दिन अप दोस्त, परिवार, और बच्च क साथ सामाजिक स्थान पर आयोजित कार्यक्रम म शामिल होत है। सभ सुबह 8 बज स पहल राजपथ पर होन वाल कार्यक्रम क टी.व पर देख क लिय तैयार ह ज है। इस दिन सभ क य वाद कर चाहिय क व अप देश क संविधान क सुरक्ष करेंगे, देश क समरस और शांत क बन रखेंगे, साथ ह देश क विकास म सहयोग करेंगे। गणतंत्र दिवस भारत क सबस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व म स एक है, इस विशेष दिन क देश भर म काफ धूम-धाम क साथ क साथ मन ज है। इस 26 जनवर 1950 क दिन कार्यान्वित हु भारतीय संविधान क उपलक्ष्य में, हर वर्ष इस दिन मन ज है। भारतीय गणतंत्र दिवस सभ भारतीय क ल बहुत ह खास अवसर है, यह दिन हम अप देश म स्थापित गणतंत्र और संविधान क महत्व समझ है क्योंक हमार देश क स्वतंत्र म संघर्ष क साथ ह हमार देश क संविधान क भ एक बहुत बड़ योगदान है और यह वह दिन है, ज हम हमार देश क गणतंत्र क महत्व और इसक इतिहास स परिचित कर है। भारतीय गणतंत्र दिवस क इतिहास काफ रोचक है, इसक शुरुआत 26 जनवर 1950 क हु थी। जब हमार देश म ‘भारत सरकार अधिनियम’ क हट भारत क संविधान क लाग किया, तब स इस क उपलक्ष्य म हमार देश क संविधान और गणतंत्र क सम्मान प्रदान कर क ल हर वर्ष 26 जनवर क दिन गणतंत्र दिवस क कार्यक्रम मन ज है। हालांक इस दिन स जुड़ एक और भ इतिहास है और इसक शुरुआत 26 जनवर 1930 क हु थ क्योंक यह वह ऐतहासिक दिन था, जब कांग्रेस न पहल बार पूर्ण स्वराज क मांग रख थी। इसक शुरुआत तब हुई, जब सन 1929 म लाहौर म पंडित जवाहर लाल नेहर क अध्यक्ष म हु काग्रेंस अधिवेशन क दौरान यह प्रस्ताव पारित किय गय क यद 26 जनवर 1930 तक अंग्रेज सरकार भारत क ‘डोमीनियन स्टेटस’ नह प्रदान कर त भारत अप आप क पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा। इसक बाद जब 26 जनवर 1930 तक अंग्रेज हुकूमत न कांग्रेस क इस मांग क को जवाब नह दिया। त उस दिन स कांग्रेस न पूर्ण स्वतंत्र क निश्चय क ल अप संक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिय और जब 15 अगस्त 1947 क भारत स्वतंत्र हुआ, त भारत सरकार न 26 जनवर क ऐतहासिक महत्त क ध्यान म रख हुए। इस दिन क गणतंत्र स्थाप क ल चुना। 26 जनवर क दिन मन ज वाल हमार यह गणतंत्र दिवस क पर्व हमार अंदर आत्मगौरव भर क कार्य कर है तथ हम पूर्ण स्वतंत्र क अनुभूत कर है यह कारण है क इस दिन क पूर देश भर म इत धूम-धाम तथ हर्षोल्लास क साथ मन ज है गणतंत्र दिवस क यह पर्व हम सबक ल बहुत ह महत्वपूर्ण है क्योंक वह दिन है ज हम हमार संविधान क महत्व समझ है। भल ह हमार देश 15 अगस्त 1947 क स्वतंत्र ह गय था, परन्त इस पूर्ण रुप स स्वतंत्र क प्राप्त 26 जनवर 1950 क मिल क्योंक यह वह दिन था। जब हमार देश क संविधान प्रभाव हु और हमार भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश क रुप म स्थापित हुआ। आज क समय यद हम स्वतंत्र रुप स को भ फैसल ल सक हैं य फिर किस प्रकार क दमन तथ दुर्वव्यस्थ क खिलाफ आवाज उठ सक हैं, त ऐस सिर्फ हमार देश क संविधान और गणतांत्रिक स्वरुप क कारण संभव है। यह कारण है क हमार देश म गणतंत्र दिवस क एक राष्ट्रीय पर्व क रुप म मन ज है। गणतंत्र दिवस क यह राष्ट्रीय पर्व हमार ल बहुत ह महत्वपूर्ण है क्योंक हमार देश क संविधान तथ इसक गणतांत्रिक स्वरुप ह हमार देश क कश्मीर स कन्याकुमार तक जोड़ क कार्य कर है। यह वह दिन है जब हमार देश विश्व मानचित्र प एक गणतांत्रिक देश क रुप म स्थापित हुआ। यह कारण है क इस दिन क पूर देश भर म इत धूम-धाम तथ हर्षोल्लास क साथ मन ज है। 26 जनवर क मन ज वाल भारतीय गणतंत्र दिवस वह दिन है, जब इस दिन सन 1950 म हमार देश क संविधान प्रभाव म आया। गणतंत्र दिवस क दिन भारत क तीन राष्ट्रीय पर्व म स एक है, यह कारण है क इस हर जात तथ संप्रदाय द्वार काफ सम्मान और उत्साह क साथ मन ज है। गणतंत्र दिवस मन क मुख्य कारण यह है क इस दिन हमार देश क संविधान प्रभाव म आय था। हालांक इसक अलाव इस दिन क एक और इतिहास भ है, जोक काफ रोचक है। इसक शुरुआत दिसंबर 1929 म लाहौर म पंडित नेहर क अध्यक्ष म संपन्न हु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस क अधिवेशन स हु थी। जिसम कांग्रेस द्वार इस बात क घोषण क ग क यद 26 जनवर 1930 तक भारत क स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नह प्रदान किय गय त इसक बाद भारत अप आप क पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा, लेकिन जब यह दिन आय और अंग्रेज सरकार द्वार इस मुद्द पर को जवाब नह दिय गय त कांग्रेस न उस दिन स पूर्ण स्वतंत्र प्राप्त क लक्ष्य स अप सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यह कारण है क जब हमार भारत देश आजाद हु त 26 जनवर क दिन क इस दिन संविधान स्थाप क ल चुन गया। गणतंत्र दिवस को साधरण दिन नह है, यह वह दिन है जब हमार भारत देश क पूर्ण रूप स स्वतंत्र क प्राप्त हु क्योंक भल ह भारत 15 अगस्त 1947 क स्वतंत्र ह गय था, लेकिन यह पूर्ण रुप स स्वतंत्र तब हु जब 26 जनवर 1950 क दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’ क हट भारत क नवनिर्मित संविधान क लाग किय गया। इसल उस दिन स 26 जनवर क इस दिन क भारत म गणतंत्र दिवस क रूप म मन ज लगा। यह भारत क तीन राष्ट्रीय पर्व म स एक है इसक अलाव अन्य द गांध जयंत और स्वतंत्र दिवस है। इस दिन पूर देश भर म राष्ट्रीय अवकाश रह है, यह कारण है क विद्यालय तथ कार्यलय जैस क जगह पर इसक कार्यक्रम क एक दिन पहल ह मन ज है। नीच भारतीय गणतंत्र दिवस स जुड़ क सार महत्वपूर्ण रोचक तथ्य क विषय म चर्च क गय है। इस दिन पहल बार 26 जनवर 1930 म पूर्ण स्वराज क कार्यक्रम मन गया। जिसम अंग्रेज हुकूमत स पूर्ण आजाद क प्राप्त क प्रण लिय गय था। गणतंत्र दिवस परेड क दौरान एक क्रिस्चियन ध्वन बज ज है, जिसक नाम “अबाईड वीथ मी” है क्योंक यह ध्वन महात्म गांध क प्रिय ध्वन म स एक है। भारत क पहल गणतंत्र दिवस समारोह क मुख्य अतिथ इंडोनेशिय क राष्ट्रपत सुकर्ण थे। गणतंत्र दिवस समारोह क राजपथ म पहल बार आयोजन वर्ष 1955 म किय गय था। भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह क दौरान भारत क राष्ट्रपत क 31 तोप क सलाम द ज है। हर वर्ष 26 जनवर क न दिल्ल क राजपथ म गणतंत्र दिवस क इस कार्यक्रम क काफ भव्य रूप स मन ज है। इसक साथ ह गणतंत्र दिवस क दिन किस विशेष विदेश अतिथ क आमंत्रित कर क भ प्रथ रह है, क बार इसक अंतर्गत एक स अधिक अतिथ क भ आमंत्रित किय ज है। इस दिन सर्वप्रथम भारत क राष्ट्रपत द्वार तिरंग फहर ज है और इसक बाद वह मौजूद सभ लोग सामूहिक रूप स खड़ होकर राष्ट्रगान ग हैं। इसक पश्चात क तरह क सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकिय निकाल ज हैं, ज क देख म काफ मनमोहक होत हैं। इसक साथ ह इस दिन क सबस विशेष कार्यक्रम परेड क होत है, जिस देख क ल लोग म काफ उत्साह होत है। इस परेड क आरंभ प्रधानमंत्र द्वार राजपथ पर स्थित अमर जवान ज्योत पर पुष्प डाल क पश्चात होत है। इसम भारतीय सेन क विभिन्न रेजीमेंट, वायुसेन तथ नौसेन द्वार हिस्स लिय ज है। यह वह कार्यक्रम होत है, जिसक द्वार भारत अप सामरिक तथ कूटनीतिक शक्त क भ प्रदर्शन कर है और विश्व क यह संदेश देत है क हम अप रक्ष म सक्षम है। 2018 क गणतंत्र दिवस समारोह म एक साथ क सार मुख्य अतिथ क आमंत्रित किय गय था। इस कार्यक्रम सभ आसियान देश क क प्रमुख क आमंत्रित किय गय था। गणतंत्र दिवस समारोह क यह कार्यक्रम भारत क विदेश नीत क ल भ काफ महत्वपूर्ण है क्योंक इस कार्यक्रम म आमंत्रित किय गय विभिन्न देश क मुख्य अतिथ क आगमन स भारत क इन देश स संबंध क बढ़ क मौक मिल है। गणतंत्र दिवस हमार देश क तीन राष्ट्रीय पर्व म स एक है, यह वह दिन है ज हम हमार गणतंत्र क महत्व क अहसास कर है। यह कारण है क इस पूर देश भर म इत जोश तथ उत्साह क साथ मन ज है। इसक साथ ह यह वह दिन भ है जब भारत अप सामरिक शक्त क प्रदर्शन कर है, जोक किस क आतंकित कर क ल नह अपित इस बात क संदेश देन क ल होत है क हम अप रक्ष कर म सक्षम है। 26 जनवर क यह दिन हमार देश क ल एक ऐतहासिक पर्व है इसल हम पूर जोश तथ सम्मान क साथ इस पर्व क मन चाहिए। -------------------------------------------------------------------------------- /HindiSampleText.Txt: -------------------------------------------------------------------------------- 1 | भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, 26 जनवरी। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। 2 | यहाँ बहुत ही आसान भाषा में गणतंत्र दिवस पर हिंदी में निबंध पायें 3 | हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। 4 | इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। 5 | इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है। 6 | आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ। 7 | इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि, बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है। 8 | भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। 9 | भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। सुबह-सुबह ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिये लोग राजपथ पर इकट्ठा होने लगते है। इसमें तीनों सेनाएँ विजय चौक से अपनी परेड को शुरु करती है जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शन किया जाता है। आर्मी बैंड, एन.सी.सी कैडेट्स और पुलिस बल भी विभिन्न धुनों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते है। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदगी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है। 10 | भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है। इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहण और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है। 11 | भारत में आजादी के बाद “विविधता में एकता” के अस्तित्व को दिखाने के लिये देश के विभिन्न राज्य भी खास झाँकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित करते है। लोगों द्वारा अपनी तरफ का लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है साथ ही गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है। कार्यक्रम के अंत में तीन रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) के फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा की जाती है जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह् प्रदर्शित करता है। शांति को प्रदर्शित करने के लिये कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को आकाश में छोड़ा जाता है। 12 | हमारी मातृभूमि भारत लंबे समय तक ब्रिटिश शासन की गुलाम रही जिसके दौरान भारतीय लोग ब्रिटिश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों को मानने के लिये मजबूर थे, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। लगभग ढाई साल बाद भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारी संसद द्वारा भारतीय संविधान को पास किया गया। खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित करने के साथ ही भारत के लोगों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 13 | भारत में निवास कर रहे लोगों और विदेश में रह रहे भारतीयों के लिय गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है। इस दिन की खास महत्ता है और इसमें लोगों द्वारा कई सारे क्रिया-कलापों में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसका बार-बार हिस्सा बनने के लिये लोग इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है। गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीने पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है जिससे किसी तरह की अपराधिक घटना को होने से पहले रोका जा सके। इससे उस दिन वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है। 14 | पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है। हर राज्य अपनी-अपनी विविधता लिए झांकी प्रस्तुत करता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन” से गूँज उठता है। 15 | इस पर्व को मनाने के लिये स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बेहद उत्साहित रहते है और इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शुरु कर देते है। इस दिन विद्यार्थियों को अकादमी में, खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मानित किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने दोस्त, परिवार, और बच्चों के साथ सामाजिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होते है। सभी सुबह 8 बजे से पहले राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम को टी.वी पर देखने के लिये तैयार हो जाते है। 16 | इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे, साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे। 17 | गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इस विशेष दिन को देश भर में काफी धूम-धाम के साथ के साथ मनाया जाता है। इसे 26 जनवरी 1950 के दिन कार्यान्वित हुए भारतीय संविधान के उपलक्ष्य में, हर वर्ष इसी दिन मनाया जाता है। भारतीय गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास अवसर है, यह दिन हमें अपने देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान का महत्व समझाता है क्योंकि हमारे देश के स्वतंत्रता में संघर्ष के साथ ही हमारे देश के संविधान का भी एक बहुत बड़ा योगदान है और यह वह दिन है, जो हमें हमारे देश के गणतंत्र के महत्व और इसके इतिहास से परिचित कराता है। 18 | भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास काफी रोचक है, इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी। जब हमारे देश में ‘भारत सरकार अधिनियम’ को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया, तब से इसी के उपलक्ष्य में हमारे देश के संविधान और गणतंत्र को सम्मान प्रदान करने के लिए हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता है। हालांकि इस दिन से जुड़ा एक और भी इतिहास है और इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1930 को हुई थी क्योंकि यह वह ऐतहासिक दिन था, जब कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी। 19 | इसकी शुरुआत तब हुई, जब सन् 1929 में लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरु के अध्यक्षता में हुए काग्रेंस अधिवेशन के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत को ‘डोमीनियन स्टेटस’ नही प्रदान करती तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा। इसके बाद जब 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के इस मांग का कोई जवाब नही दिया। तो उस दिन से कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय के लिए अपना संक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया और जब 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, तो भारत सरकार ने 26 जनवरी के ऐतहासिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए। इस दिन को गणतंत्र स्थापना के लिए चुना। 20 | 26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा यह गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है गणतंत्र दिवस का यह पर्व हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वह दिन है जो हमें हमारे संविधान का महत्व समझाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, परन्तु इसे पूर्ण रुप से स्वतंत्रता की प्राप्ति 26 जनवरी 1950 को मिली क्योंकि यह वह दिन था। 21 | जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। आज के समय यदि हम स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला ले सकते हैं या फिर किसी प्रकार के दमन तथा दुर्वव्यस्था के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरुप के कारण संभव है। यहीं कारण है कि हमारे देश में गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। 22 | गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश का संविधान तथा इसका गणतांत्रिक स्वरुप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य करता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र पे एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 23 | 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय गणतंत्र दिवस वह दिन है, जब इसी दिन सन् 1950 में हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया। गणतंत्र दिवस का दिन भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, यहीं कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 24 | गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया था। हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है, जोकि काफी रोचक है। इसकी शुरुआत दिसंबर 1929 में लाहौर में पंडित नेहरु के अध्यक्षता में संपन्न हुई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन से हुई थी। जिसमें कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई की यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नही प्रदान किया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा, लेकिन जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यहीं कारण है कि जब हमारा भारत देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी के दिन के इस दिन संविधान स्थापना के लिए चुना गया। 25 | गणतंत्र दिवस कोई साधरण दिन नही है, यह वह दिन है जब हमारे भारत देश को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई क्योंकि भले ही भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, लेकिन यह पूर्ण रुप से स्वतंत्र तब हुआ जब 26 जनवरी 1950 के दिन ‘भारत सरकार अधिनियम’ को हटाकर भारत के नवनिर्मित संविधान को लागू किया गया। इसलिए उस दिन से 26 जनवरी के इस दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है इसके अलावा अन्य दो गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस है। इस दिन पूरे देश भर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है, यहीं कारण है कि विद्यालय तथा कार्यलय जैसे कई जगहों पर इसके कार्यक्रम को एक दिन पहले ही मनाया जाता है। 26 | नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस से जुड़े कई सारे महत्वपूर्ण रोचक तथ्यों के विषय में चर्चा की गयी है। 27 | इस दिन पहली बार 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज का कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें अंग्रेजी हुकूमत से पूर्ण आजादी के प्राप्ति का प्रण लिया गया था। 28 | गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम “अबाईड वीथ मी” है क्योंकि यह ध्वनि महात्म गांधी के प्रिय ध्वनियों में से एक है। 29 | भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे। 30 | गणतंत्र दिवस समारोह का राजपथ में पहली बार आयोजन वर्ष 1955 में किया गया था। 31 | भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है। 32 | हर वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ में गणतंत्र दिवस के इस कार्यक्रम को काफी भव्य रूप से मनाया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के दिन किसी विशेष विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने की भी प्रथा रही है, कई बार इसके अंतर्गत एक से अधिक अतिथियों को भी आमंत्रित किया जाता है। इस दिन सर्वप्रथम भारत के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और इसके बाद वहां मौजूद सभी लोग सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हैं। 33 | इसके पश्चात कई तरह की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकिया निकाली जाती हैं, जो कि देखने में काफी मनमोहक होती हैं। इसके साथ ही इस दिन का सबसे विशेष कार्यक्रम परेड का होता है, जिसे देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह होता है। इस परेड का आरंभ प्रधानमंत्री द्वारा राजपथ पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प डालने के पश्चात होता है। इसमें भारतीय सेना के विभिन्न रेजीमेंट, वायुसेना तथा नौसेना द्वारा हिस्सा लिया जाता है। 34 | यह वह कार्यक्रम होता है, जिसके द्वारा भारत अपने सामरिक तथा कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन करता है और विश्व को यह संदेश देता है कि हम अपने रक्षा में सक्षम है। 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ कई सारे मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम सभी आसियान देशों के के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था। गणतंत्र दिवस समारोह का यह कार्यक्रम भारत की विदेश नीती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये गये विभिन्न देशों के मुख्य अतिथियों के आगमन से भारत को इन देशों से संबंधों को बढ़ाने का मौका मिलता है। 35 | गणतंत्र दिवस हमारे देश के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, यह वह दिन है जो हमें हमारा गणतंत्र के महत्व का अहसास कराता है। यहीं कारण है कि इसे पूरे देश भर में इतने जोश तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह वह दिन भी है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जोकि किसी को आतंकित करने के लिए नही अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम है। 26 जनवरी के यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए। --------------------------------------------------------------------------------